सहकारी समितियों को सौंपा जाएगा गेहूं वितरण का जिम्मा, खाद्य विभाग ने तैयार की नई योजना
सहकारी समितियों को सौंपा जाएगा गेहूं वितरण का जिम्मा, खाद्य विभाग ने तैयार की नई योजना
खेत खजाना : जयपुर, राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन वितरण के मुद्दे पर खाद्य विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में, 27 हजार से अधिक राशन डीलरों ने अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया, जिससे पूरे राज्य में गेहूं वितरण ठप हो गया। इस स्थिति से निपटने के लिए, खाद्य विभाग अब गेहूं वितरण की जिम्मेदारी सहकारी समितियों को सौंपने की योजना बना रहा है।
राशन डीलरों की हड़ताल और इसके प्रभाव
राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों की संख्या 4 करोड़ से अधिक है। इन लाभार्थियों को राशन का गेहूं वितरित करने वाले राशन डीलरों ने गुरुवार से हड़ताल पर जाने की घोषणा की। हड़ताल के कारण पूरे राज्य में राशन की आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिससे लाभार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खाद्य विभाग की नई योजना
सहकारी समितियों को जिम्मेदारी सौंपना: खाद्य विभाग की योजना के अनुसार, राशन वितरण की जिम्मेदारी अब सहकारी समितियों को सौंप दी जाएगी। इनमें महिला सहकारी समितियां, ग्राम सेवा सहकारी समितियां, और क्रय विक्रय सहकारी समितियां शामिल हैं। यह कदम राशन डीलरों की हड़ताल से उत्पन्न समस्याओं का समाधान करने और वितरण को सुचारू रूप से चलाने के लिए उठाया जा रहा है।
आदेश की संभावना: खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस संबंध में आगामी एक-दो दिन में आदेश जारी किया जाएगा। यह आदेश राशन वितरण के लिए सहकारी समितियों को जिम्मेदारी सौंपने के बारे में होगा।
वर्तमान स्थिति: राशन डीलरों की हड़ताल के कारण, पूरे प्रदेश में केवल 150 दुकानों पर ही राशन का वितरण संभव हो पाया है। इससे खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
सरकारी प्रतिक्रिया: खाद्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि यह कदम राशन वितरण को व्यवस्थित करने और लाभार्थियों को समय पर राशन प्रदान करने के लिए उठाया गया है। विभाग ने राशन डीलरों की हड़ताल को देखते हुए सहकारी समितियों के माध्यम से वितरण को सक्षम बनाने का निर्णय लिया है।
लाभार्थियों ने इस स्थिति को लेकर नाराजगी जाहिर की है और खाद्य विभाग से शीघ्र समाधान की मांग की है। उन्होंने कहा कि हड़ताल के कारण उन्हें जरूरी राशन प्राप्त नहीं हो पा रहा है, जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है।